भारत की राष्ट्रीय शिक्षा नीति (National Education Policy) 21वीं सदी की पहली शिक्षा नीति है। यह नीति भारत की परंपराओं और मूल्यों को ध्यान में रखते हुए बनायी गयी है।भारत सरकार ने नई शिक्षा नीति के तहत स्कूली शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा में कई अहम बदलाव किए गए हैं जिसका लक्ष्य देश को विश्व स्तरीय (world class) और कौशल आधारित (skill based) शिक्षा प्रदान करना है।
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP 2020) को केंद्रीय कैबिनेट ने 29 जुलाई 2020 को मंजूरी दी थी। यह 34 वर्षों बाद भारत का सबसे बड़ा शैक्षिक सुधार है। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति की ड्राफ्टिंग के. कस्तूरीरंगन (K. Kasturirangan) की अध्यक्षता वाली समिति द्वारा की गई थी। राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 1986 में लागू की गई थी, और 1992 में इसमें संशोधन (update) किया गया था
अब, करीब 34 साल बाद, 2020 में इसमें कई अहम और महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं, जिसे 108 पेजों के ड्राफ्ट में 21वीं शताब्दी की पहली शिक्षा नीति बताया गया है। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति देश के विकास के लिए आवश्यक शिक्षा की जरूरतों को पूरा करने के उद्देश्य से बनाई गई है
नेशनल एजुकेशन पॉलिसी (NEP 2020)
नई शिक्षा नीति का उद्देश्य भारत के युवाओं को समावेशी और समान गुणवत्ता वाली शिक्षा सुनिश्चित करना है। वर्ष 2015 में, भारत ने संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्य (SDG4) के तहत वैश्विक शिक्षा विकास एजेंडा को अपनाया, जिसका उद्देश्य 2030 तक समावेशी और समान गुणवत्ता वाली शिक्षा को पूर्ण रूप से लागू करना है।
भारत के SDG4 ग्लोबल एजेंडा का उद्देश्य सभी को विश्व स्तरीय और उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान करना है, साथ ही आजीवन सीखने के अवसरों को बढ़ावा देना है। इन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए भारतीय शिक्षा प्रणाली का पुनर्गठन और पुनः विन्यास करना आवश्यक है
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नई शिक्षा नीति 2020 का विजन – Vision of New Education Policy
नई शिक्षा नीति भारत के सभी छात्रों को विश्व स्तरीय, उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा, देने के लक्ष्य से बनायी गयी है। इस नीति से छात्रों की संज्ञानात्मक क्षमताओं (cognitive capacities), समस्या-समाधान दृष्टिकोण (Problem Solving attitude), को उजागर करने का प्रयास है।
नई शिक्षा नीति भारत के सभी युवाओं में सामाजिक, नैतिक और भावनात्मक क्षमता को भी विकसित करने के उद्देश्य से भी तैयार की गयी है।
यह शिक्षा नीति न केवल छात्रों के लिए है बल्कि पूरे Indian education system को उन्नत करने के लिए बनायी गयी है, जिसमें छात्र, शिक्षक और पूरी शिक्षा प्रणाली शामिल है। यह राष्ट्रीय शिक्षा नीति Technology, AI, Data Science को शिक्षा के छेत्र में अपनाकर इसमें और गुणवत्ता लाने का प्रयास करेगी ।साथ ही साथ शिक्षण व्यवसायों में प्रवेश करने के लिए सर्वश्रेष्ठ और प्रतिभाशाली शिक्षकों (brightest teachers) की भर्ती के लिए पर्याप्त training ओर assessment मॉडल भी बनाने का काम करेगी।
एनईपी 2020 संरचना (5+3+3+4) – NEP 2020 Structure
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (New Education Policy 2020) स्कूली शिक्षा में 10+2 के पुराने शैक्षणिक ढांचे को संशोधित और उन्नत करेगी। 5+3+3+4 का एक नया शैक्षणिक structure तैयार किया जाएगा जो 3-18 वर्ष की आयु के छात्रों को कवर करेगा। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में पाठ्यक्रम का पुनर्गठन होगा और पुराने शैक्षणिक ढांचे को बदलकर नवीनतम शैक्षणिक ढांचे (new academic structure) में विकसित किया जाएगा।
वर्तमान 10+2 शैक्षणिक संरचना में 3-6 आयु वर्ग के बच्चों को कवर नहीं किया जाता है क्योंकि कक्षा एक 6 वर्ष की आयु से शुरू होती है। नई 5+3+3+4 संरचना (Academic Structure) में, प्रारंभिक बचपन देखभाल और शिक्षा का एक मजबूत आधार Early Childhood Care and Education ( ECCE) 3 साल की उम्र से भी शामिल है। इस नए शैक्षणिक ढांचे का उद्देश्य कम उम्र से ही बेहतर समग्र शिक्षा, विकास और कल्याण को बढ़ावा देना है।
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत 2 साल की प्री-प्राइमरी शिक्षा (pre-primary education) 3 से 6 साल के बच्चों के लिए होगी। इस 2 वर्षीय प्री-प्राइमरी स्कूलिंग का उद्देश्य बच्चों को प्राथमिक शिक्षा के लिए तैयार करना है।
तीन से छह वर्ष की आयु के बच्चों को ऐसी गतिविधियों में लगाया जाएगा जो उन्हें खेल, मनोरंजक आदि के माध्यम से सीखने और समझने में मदद करेगा। इससे 3-6 वर्ष की आयु के बच्चे स्कूली पाठ्यक्रम के अंतर्गत आएंगे। प्रारंभिक चरण की शिक्षा को आनंदमय, चंचल और मस्ती भरे माहौल में बनाने के लिए और अधिक प्रयास किए जाएंगे।
नई 5+3+3+4 पाठ्यक्रम संरचना क्रमशः 3-8, 8-11, 11-14 और 14-18 वर्ष की आयु के छात्रों को कवर करेगी। नई प्रणाली में 3 साल की प्री-स्कूलिंग / आंगनवाड़ी (pre-schooling/Anganwadi) और उसके बाद 12 साल की स्कूली शिक्षा शामिल होगी।
नई पाठ्यचर्या और शैक्षणिक संरचना – New Curricular and Pedagogical Structure
प्रारंभिक शिक्षा पर जोर देने के साथ, एनसीईआरटी (NCERT) बचपन की देखभाल और शिक्षा के लिए एक राष्ट्रीय पाठ्यचर्या और शैक्षणिक ढांचा (National Curricular and Pedagogical Framework for Early Childhood Care and Education) विकसित करेगा जिसे NCPFECCE के रूप में जाना जाएगा।
यह पाठ्यचर्या और शैक्षणिक ढाँचा 8 वर्ष तक के बच्चों को कवर करता है, जिसमें प्रारंभिक बचपन देखभाल और शिक्षा (ECCE) का महत्व विशेष रूप से आंगनवाड़ी और प्री-स्कूल जैसे संस्थानों के नेटवर्क के माध्यम से सुनिश्चित किया जाएगा। ECCE के तहत शिक्षकों और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को विशेष रूप से प्रशिक्षित किया जाएगा ताकि वे बच्चों को गुणवत्तापूर्ण प्रारंभिक शिक्षा प्रदान कर सकें, जिससे उनकी सीखने की मजबूत नींव रखी जा सके
प्रारंभिक बचपन देखभाल और शिक्षा के लिए राष्ट्रीय पाठ्यचर्या और शैक्षणिक ढांचा (NCPFECCE) एनसीईआरटी द्वारा विकसित किया जाएगा और इसे मानव संसाधन विकास मंत्रालय, महिला और बाल विकास (WCD), स्वास्थ्य और परिवार कल्याण (HFW), और जनजातीय मंत्रालयों द्वारा संयुक्त रूप से लागू किया जाएगा।
मूलभूत साक्षरता और संख्यात्मकता ज्ञान प्राप्त करना – Achieving Foundational Literacy and Numeracy
NEP 2020 में बुनियादी साक्षरता और संख्यात्मकता (Foundational Literacy and Numeracy) सीखने पर अधिक ज़ोर देना का प्रयास होगा।इसके लिए सभी राज्य 2025 तक ग्रेड 3 तक के छात्रों के लिए सभी प्राथमिक विद्यालयों में सार्वभौमिक आधारभूत साक्षरता और संख्यात्मकता प्राप्त करने के लिए एक कार्यान्वयन योजना तैयार करेंगे।
स्कूल पाठ्यक्रम और शिक्षाशास्त्र में प्रमुख सुधार – Major Reforms in School Curriculum & Pedagogy
नए स्कूली पाठ्यक्रम को शिक्षार्थियों के समग्र विकास के उद्देश्य से डिजाइन किया जाएगा जिसमें उन्हें 21वीं सदी के कौशल ज्ञान (skill education) को शामिल करना है, महत्वपूर्ण सोच (critical thinking) और प्रयोगात्मक (practical) सीखने पर अधिक जोर दिया जाएगा।
छात्रों को उनकी रुचि के विषयों (choice of subjects) को चुनने में लचीलापन प्रदान किया जाएगा। पाठ्यक्रम में भी महत्वपूर्ण संशोधन किया गया है। कला और विज्ञान, सह-पाठ्यचर्या और पाठ्येतर गतिविधियों और व्यावसायिक और शैक्षणिक धाराओं के बीच कोई टरकाव नहीं होगा।
स्कूल प्रशासन – School Governance
स्कूलों को बच्चों के सर्वांगीण विकास और सीखने की संस्था के रूप में परिसरों या समूहों में व्यवस्थित किया जाएगा। स्कूल एक ऐसा स्थान होगा जहां छात्र जीवन कौशल सीख सकें, बुनियादी शिष्टाचार विकसित कर सकें और जिम्मेदार इंसान के रूप में विकसित हो सकें। स्कूलों में बुनियादी सुविधाएं और संसाधन जैसे बुनियादी ढांचा (infrastructure), पुस्तकालय (libraries) और एक पेशेवर शिक्षण समुदाय (professional teaching community) का होना आवश्यक किया जाएगा।
नई शिक्षा नीति के सिद्धांत 2020 NEP 2020 का सारांश – Principles of New Education policy 2020
- नई शिक्षा नीति सिद्धांतों के एक निश्चित सेट पर आधारित है जो भारत के युवाओं को विश्व स्तरीय (world class), उच्च गुणवत्ता (high quality) वाली शिक्षा प्राप्त करने में मदद करेगी। इस नई शिक्षा नीति (न्यू एजुकेशन पॉलिसी ) का उद्देश्य सिर्फ़ जनता को शिक्षित करने तक सीमित नहीं है बल्कि युवाओं को एक जिम्मेदार इंसान बनाना भी है।
- नई शिक्षा प्रणाली का मुख्य उद्देश्य युवाओं के बीच अच्छे चरित्र (good character) का विकास करना है और उनको एक अच्छा इंसान (good human being) बनना है जो समाज में योगदान दे सके। शिक्षा के प्रमुख उद्देश्यों में से एक तर्कसंगत विचार (rational thought) और क्रिया को विकसित करना है, जिसमें करुणा (compassion), सहानुभूति (empathy), रचनात्मक कल्पना (creative imagination) और नैतिक मूल्य (ethical values) हैं।
- नई शिक्षा प्रत्येक छात्र की अनूठी क्षमताओं (unique capabilities) पर केंद्रित है। यह जीवन के शैक्षणिक और गैर-शैक्षणिक क्षेत्रों में सर्वांगीण विकास के लिए माता-पिता और शिक्षकों की मदद से प्रत्येक छात्र के गुणों को पहचानने और पोषित करने में मदद करेगी।
- न्यू एजुकेशन पॉलिसी से छात्रों को मूलभूत साक्षरता और संख्यात्मकता (foundational literacy and Numeracy) को प्राथमिकता दी जाएगी। नई शिक्षा का उद्देश्य ग्रेड 3 तक के सभी छात्रों में इसे हासिल कराना है।
- नई शिक्षा नीति में विज्ञान, कला और वाणिज्य स्ट्रीम में कोई ख़ास difference नहीं किया जाएगा। नई शिक्षा नीति उनके कार्यक्रमों और विषयों को चुनने में लचीलापन प्रदान करेगी। इससे छात्रों को उनकी प्रतिभा और रुचि के अनुसार अपना रास्ता चुनने में मदद मिलेगी।
- कला और विज्ञान के बीच कोई ख़ास अंतर नहीं किया जाएगा। साथ ही सीखने के विभिन्न क्षेत्रों को समान प्राथमिकता दी जाएगी। पाठ्यचर्या और पाठ्येतर गतिविधियों (Curricular and extracurricular activities) और व्यावसायिक और शैक्षणिक धाराओं (vocational and academic) को कमोबेश एक जैसा माना जाएगा।
- इस बहु-विषयक दुनिया के लिए, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, कला, मानविकी और खेल के क्षेत्रों में एक बहु-विषयक और समग्र शिक्षा (multidisciplinary and holistic education) लागू की जाएगी।
- परीक्षा के लिए सीखने के बजाय विषय की अवधारणात्मक समझ (conceptual understanding) पर अधिक जोर दिया जाएगा।
- छात्रों को रचनात्मक सोचने के लिए प्रेरित किया जाएगा और आलोचनात्मक सोच को प्रोत्साहित किया जाएगा।
- नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति मानवीय नैतिकता और संवैधानिक मूल्यों जैसे सहानुभूति, जिम्मेदारी, स्वच्छता, दूसरों के लिए सम्मान, सार्वजनिक संपत्ति के लिए सम्मान, वैज्ञानिक स्वभाव, समानता आदि सिखाएगी।
- नई शिक्षा नीति बहुभाषावाद (multilingualism), स्थानीय भारतीय भाषा (local languages of India) और शिक्षण और सीखने में भाषा की शक्ति को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
- संचार कौशल (Communication skills), सहयोग (co-operation) और टीम वर्क जीवन के हर चरण में आवश्यक सबसे महत्वपूर्ण और बुनियादी जीवन कौशल हैं, इन कौशलों को बहुत कम उम्र से शामिल करने के लिए नया शिक्षा पाठ्यक्रम तैयार किया जाएगा।
- यह नीति आज की ‘कोचिंग संस्कृति’ (coaching culture) को प्रोत्साहित करने वाले योगात्मक मूल्यांकन के बजाय सीखने के लिए नियमित रचनात्मक मूल्यांकन पर केंद्रित है।
- प्रौद्योगिकी (Technology) शिक्षा का भविष्य है, इसलिए शिक्षण, सीखने और मूल्यांकन में प्रौद्योगिकी के व्यापक उपयोग से छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों को मदद मिलेगी।
- शिक्षा प्रणाली को पूर्ण समानता सुनिश्चित करने और सभी शैक्षिक निर्णयों को शामिल करने के लिए डिज़ाइन किया गया है ताकि सभी छात्र बचपन की देखभाल से लेकर स्कूली शिक्षा और उच्च शिक्षा तक सही तरीके से विकसित हो सकें।
- शिक्षक और संकाय सदस्य शिक्षा प्रणाली की रीढ़ हैं। उनकी भर्ती, निरंतर व्यावसायिक विकास, सकारात्मक कार्य वातावरण और सेवा शर्तों में कठोर प्रयास किए जाएंगे।
- नई शिक्षा नीति भारत के गौरव, जड़ता और इसकी समृद्ध, विविध, प्राचीन और आधुनिक संस्कृति, ज्ञान प्रणालियों और परंपराओं के प्रति संरेखित है।
नई शिक्षा नीति की मुख्य विशेषताएं – Highlights of New Education Policy
राष्ट्रीय शिक्षा नीति में युवाओं से एक ऐसी शिक्षा प्रणाली (education system) प्रदान करने की दृष्टि है जो भारत को वैश्विक ज्ञान महाशक्ति (knowledge superpower) बनाने के उद्देश्य से सभी को उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान करके देश को एक जीवंत ज्ञान समाज में बदल सके।
सार्वभौमिक उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा के अलावा, नीति का उद्देश्य मौलिक जिम्मेदारियों, संवैधानिक मूल्यो (constitutional values) और अपने देश के साथ एक गहरा संबंध स्थापित करना है, यानी भारतीयता और भारतीय होने का गर्व होना है। यह एक पाठ्यक्रम और शिक्षाशास्त्र ढांचे (pedagogy framework) के साथ प्राप्त किया जाएगा जो नीति द्वारा हमारे शैक्षणिक संस्थानों (educational institutions) को निर्देशित करेगा।
महत्वपूर्ण सोच को बढ़ाने के लिए पाठ्यक्रम सामग्री को कम करने का प्रयास – Reduce curriculum content to enhance essential learning and critical thinking
महत्वपूर्ण सोच और अधिक समग्र, पूछताछ-आधारित, खोज-आधारित, चर्चा-आधारित और विश्लेषण-आधारित सीखने के लिए जगह बनाने के लिए, प्रत्येक विषय में पाठ्यचर्या सामग्री को उसके मूल अनिवार्य रूप से कम कर दिया जाएगा।
अध्यापन और अधिगम (Teaching and learning) को अधिक संवादात्मक तरीके से संचालित किया जाएगा; प्रश्नों को प्रोत्साहित किया जाएगा, और कक्षा सत्रों में नियमित रूप से छात्रों के लिए गहन और अधिक अनुभवात्मक सीखने के लिए अधिक मजेदार, रचनात्मक, सहयोगी और खोजपूर्ण गतिविधियां शामिल होंगी।
पाठ्यक्रम विकल्पों में लचीलेपन के माध्यम से छात्रों को सशक्त बनाना – Empower students through flexibility in course choices
जो छात्र विशेष रूप से माध्यमिक विद्यालय (secondary school) में पढ़ रहे है उनको शारीरिक शिक्षा, कला और शिल्प, और व्यावसायिक कौशल के विषयों में अध्ययन के लिए अधिक लचीलापन दिया जाएगा, ताकि वे अध्ययन और जीवन योजनाओं के अपने स्वयं के पथ तैयार कर सकें। साल-दर-साल समग्र विकास और विषयों और पाठ्यक्रमों की एक विस्तृत पसंद माध्यमिक विद्यालय शिक्षा की नई विशिष्ट विशेषता होगी।
‘पाठ्यचर्या’ (curricular)’, ‘पाठ्येतर (extracurricular), या ‘सह-पाठ्यचर्या (co-curricular) ‘कला’, ‘मानविकी’, और ‘विज्ञान’ के बीच, या ‘व्यावसायिक’ या ‘अकादमिक’ धाराओं के बीच कोई कठिन अलगाव नहीं होगा। विज्ञान, मानविकी और गणित के अलावा शारीरिक शिक्षा, कला और शिल्प, और व्यावसायिक कौशल जैसे विषयों को पूरे स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा, इस बात पर विचार करते हुए कि प्रत्येक उम्र में क्या दिलचस्प और बढ़िया है।
बहुभाषावाद और भाषा की शक्ति – Multilingualism and the Power of language
यह दुनिया भर में समझा जाता है कि छोटे बच्चे अपनी मातृभाषा (mother tongue) या घरेलू भाषा में अवधारणाओं को अधिक तेज़ी से सीखते और समझते हैं। नई शिक्षा नीति ग्रेड 5 तक, लेकिन अधिमानतः ग्रेड 8 और उससे आगे तक, घरेलू भाषा / मातृभाषा या स्थानीय भाषा में शिक्षा के माध्यम को बढ़ावा देगी।
बहुभाषावाद के समर्थन को प्रोत्साहित किया जाएगा क्योंकि कई भारतीय परिवारों में कई भाषाएँ बोली जाती हैं, परिवार के अन्य सदस्यों द्वारा बोली जाने वाली एक घरेलू भाषा हो सकती है जो कभी-कभी मातृभाषा या स्थानीय भाषा से भिन्न हो होती है।
एनईपी 2020 कार्यान्वयन तिथि – NEP 2020 Implementation Date
नई शिक्षा नीति को योजनाबद्ध और चरणबद्ध (planned & phased manner) तरीके से पूरे देश में लागू किया जा रहा है। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी 2022) के कार्यान्वयन की समीक्षा करने के लिए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 9 मई 2022 को एक महत्वपूर्ण बैठक की अध्यक्षता की थी।
बैठक नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के कार्यान्वयन की समीक्षा करने और रोडमैप और भविष्य की कार्यान्वयन योजनाओं पर चर्चा करने के लिए आयोजित की गई थी। पीएम मोदी ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, अन्य वरिष्ठ मंत्रियों और शिक्षा मंत्रालय, एनसीईआरटी और यूजीसी के अधिकारियों के साथ बैठक की अध्यक्षता की। मीटिंग में पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा की NEP 2022 का प्रमुख लक्ष्य शिक्षा क्षेत्र में समानता, समावेशिता और गुणवत्ता लाना है।
बैठक में पीएम मोदी ने अधिकारियों और मंत्रियों को लक्ष्य हासिल करने के लिए अन्य प्रमुख परियोजनाओं और पहलों के क्रियान्वयन के लिए विस्तृत योजना तैयार करने का निर्देश दिया.
नई शिक्षा नीति (New Education Policy) एक नजर में
- नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को 29 जुलाई 2020 को केंद्रीय कैबिनेट द्वारा अनुमोदित किया गया था। यह 34 वर्षों के बाद भारत का सबसे बड़ा शैक्षिक सुधार है। नई शुरू की गई शिक्षा नीति योजनाबद्ध और चरणबद्ध तरीके से भारत की राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 1986 की जगह लेगी।
- नई शिक्षा नीति का उदेश्य समाज के सभी वर्गों के छात्रों को उच्च गुणवत्ता वाली सार्वभौमिक शिक्षा प्रदान करना है, इस प्रकार 2040 तक भारतीय शिक्षा प्रणाली को बदलने का लक्ष्य है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी 2020) के लागू होने से लगभग 2 करोड़, स्कूल के बच्चे मुख्यधारा में वापस आएँगे और इससे सरकारी और ग़ैर सरकारी (private) स्कूलों में शिक्षा के मानक समान होंगे।
- भारत को ज्ञान की वैश्विक महाशक्ति (knowledge superpower) बनाने के लिए, यह नई शिक्षा नीति भारत सरकार की सबसे बड़ी और चर्चित पहल है, इस नई शिक्षा नीति का दृष्टिकोण एक ऐसी शिक्षा प्रणाली प्रदान करना है जो देश को एक जीवंत ज्ञान समाज में स्थायी रूप से बदल दे और सभी को उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान कर सके।
- नई शिक्षा नीति से 5+3+3+4 का एक नया शैक्षणिक और पाठ्यचर्या पुनर्गठन किया जाएगा, जो 3-18 वर्ष की आयु को कवर करेगा, और 10 + 2 की पुरानी शैक्षणिक संरचना को बदल देगा। नए शैक्षणिक ढांचे में 3 साल की प्री-स्कूलिंग/आंगनवाड़ी और उसके बाद 12 साल की स्कूली शिक्षा शामिल होगी।
- प्रारंभिक बचपन देखभाल और शिक्षा (A National Curricular and Pedagogical Framework for Early Childhood Care and Education) के लिए एक राष्ट्रीय पाठ्यचर्या और शैक्षणिक ढांचा विकसित किया जा रहा है जो 8 वर्ष की आयु तक के बच्चों को कवर करेगा। अनिवार्य पूर्व-प्राथमिक शिक्षा आंगनवाड़ी या पूर्व-विद्यालयों की एक महत्वपूर्ण विस्तारित और मजबूत प्रणाली द्वारा देश भर में प्रदान की जाएगी।
- नई शिक्षा नीति (NEP 2020) के प्रमुख लक्ष्यों में से एक 2025 तक सभी प्राथमिक विद्यालयों में ग्रेड 3 तक सभी शिक्षार्थियों के लिए आधारभूत साक्षरता (foundational literacy) और संख्यात्मकता (numeracy) प्राप्त करना है। नई शिक्षा नीति का उद्देश्य वर्ष 2030 तक प्री-स्कूल से माध्यमिक स्तर तक 100% जीईआर (GER) प्राप्त करना है।
- प्रत्येक विषय में पाठ्यचर्या सामग्री को उसकी मूल अनिवार्यता तक कम कर दिया जाएगा, और महत्वपूर्ण सोच और अधिक समग्र शिक्षा पर अधिक जोर दिया जाएगा जो पूछताछ-आधारित, खोज-आधारित, चर्चा-आधारित और विश्लेषण-आधारित शिक्षा होगी।
- छात्रों को अध्ययन के लिए अधिक लचीलापन और विषयों का विकल्प दिया जाएगा। छात्र अध्ययन के विभिन्न क्षेत्रों से विषयों के एक समूह का चयन करने में सक्षम होंगे, एक समूह में विज्ञान और मानविकी या वाणिज्य और मानविकी आदि के विषय हो सकते हैं।
- व्यावसायिक और पाठ्येतर गतिविधियों को बढ़ावा दिया जाएगा और छात्रों को इन सह-पाठ्यचर्या में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
- नई शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 का उद्देश्य व्यावसायिक शिक्षा सहित उच्च शिक्षा में सकल नामांकन अनुपात को 26.3% (2018) से बढ़ाकर 2035 तक 50% करना है। उच्च शिक्षा संस्थानों में 3.5 करोड़ नई सीटें जोड़ी जाएंगी।
- नई शिक्षा नीति के अनुसार यूजी शिक्षा 3 या 4 साल की हो सकती है, जिसमें कई निकास विकल्प (multiple exit options) और इस अवधि के भीतर उपयुक्त प्रमाणन (appropriate certification) होंगे। उदाहरण के लिए, 1 साल के बाद सर्टिफिकेट, 2 साल के बाद एडवांस डिप्लोमा, 3 साल बाद बैचलर डिग्री और 4 साल बाद रिसर्च के साथ बैचलर डिग्री।
- युवाओं को विश्व स्तरीय शिक्षा दिलाने के लिए शिक्षा में प्रौद्योगिकी को भारी रूप से अपनाया जाएगा, इसके लिए राष्ट्रीय शैक्षिक प्रौद्योगिकी मंच (NETF) एक स्वायत्त निकाय बनाया जाएगा जो प्रौद्योगिकी के उपयोग पर विचारों के मुक्त आदान-प्रदान के लिए एक समृद्ध मंच प्रदान करेगा।जो की सीखने, मूल्यांकन, योजना, प्रशासन को बढ़ाने के लिए मददगार साबित होगा।
NEP 2020 FAQ’s
अगर आपको नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (New National Education Policy 2020) से जुड़ी कोई और जानकारी चाहिए तो आप हमको नीचे comment करके पूछ सकते हैं।